भोपाल। हमारे स्कूल में तकरीबन 500 बच्चे दूरदराज से लो फ्लोर बस से आते हैं। जब छुट्टी होती है तो कोई भी बस स्कूल के पास स्टैंड पर नहीं रुकती। बच्चों की भीड़ देखकर बस वाले तेजी से निकल जाते हैं। वे पास वालों को मुफ्त की सवारी समझते हैं जबकि हम लोग एडवांस रुपए देकर पास बनवाते हैं। यह शिकायत सुभाष एक्सीलेंस स्कूल के बच्चों ने जनसंपर्क एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा और बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान से एक कार्यक्रम के दौरान की।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग और एक्शन एड संस्था के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में मेरा अधिकार मेरी सुरक्षा अभियान का शुभारंभ किया गया। मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन मुख्य अतिथि थे। इस दौरान छात्रों ने अतिथियों से तीखे सवाल किए और शिकायतें भी कीं। चौहान ने बताया कि यह अभियान पूरे साल चलेगा। इसमें जिले के 300 स्कूलों के बच्चों को अधिकारों और सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाएगी।
सीबीएसई स्कूलों की तर्ज पर फाइव डे वीक क्यों नहीं
नौंवी की छात्रा ने पूछा कि सीबीएसई स्कूलों की तर्ज पर जब एमपी बोर्ड में एनसीईआरटी का पाठयक्रम लागू कर दिया गया है तो उसी की तरह ही एमपी बोर्ड के स्कूलों में फाइव डे वीक का पैटर्न क्यों शुरू नहीं किया जा रहा। छह घंटे का स्कूल और डेढ़ घंटे की बस थका देती है। इसका स्वास्थ्य पर विपरीत असर होता है। चौहान ने इस संबंध में शासन से बात कर स्कूल समय में बदलाव के प्रयास करने की बात कही।
गायों के लिए क्यों नहीं जारी किया हेल्पलाइन नंबर
एक बच्चे ने आरोप लगाते हुए सवाल किया कि गौ रक्षा के संबंध में सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन सड़क पर घूमने वाली गायों के लिए अभी तक कोई हेल्पलाइन नंबर ही जारी नहीं किया गया। उत्तर देते समय मंत्री शर्मा थोड़ा रुके फिर कहा कि प्रस्तावित गौशालाओं का निर्माण होने के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा।